हिमाचल सहित पूरे देश में सड़क हादसे के शिकार लोगों को अब मिलेगा 1.5 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज
नई दिल्ली/शिमला | 3 जून 2025: भारत में हर साल लाखों लोग सड़क हादसों का शिकार होते हैं। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने दो बड़ी योजनाएं लागू की हैं – एक कैशलेस इलाज के लिए और दूसरी बीमा सहायता के लिए।हिमाचल प्रदेश सहित पूरे भारत में सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों को अब ₹1.5 लाख तक का कैशलेस इलाज मिलेगा। यह सुविधा केंद्र सरकार द्वारा 5 मई 2025 से लागू की गई 'कैशलेस ट्रीटमेंट ऑफ रोड एक्सीडेंट विक्टिम्स स्कीम 2025' के तहत उपलब्ध है।
🚑 1. कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम 2025
अब यदि किसी की मोटर वाहन दुर्घटना होती है, तो सरकार 1.5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त कराएगी। यह इलाज दुर्घटना के पहले 7 दिनों तक कैशलेस होगा। सरकारी या सरकार द्वारा नामित निजी अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध होगी। यदि किसी आपात स्थिति में नामित अस्पताल उपलब्ध नहीं है, तो अन्य अस्पतालों में केवल घायल की स्थिति को स्थिर करने तक का खर्च कवर किया जाएगा। इस योजना का क्रियान्वयन नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) द्वारा किया जाएगा, जो पुलिस, अस्पतालों और राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करेगी।प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में स्टेट रोड सेफ्टी काउंसिल को नोडल एजेंसी बनाया गया है, जो योजना के कार्यान्वयन और निगरानी की जिम्मेदारी निभाएगी।
योजना की मुख्य बातें:
- घायल को पहले 7 दिन तक का इलाज मुफ्त मिलेगा।
- ₹1,50,000 तक का खर्च सरकार उठाएगी।
- इलाज सरकारी या डेजिग्नेटेड निजी अस्पतालों में किया जाएगा।
- पहचान नहीं होने पर भी इलाज मिलेगा।
🧾 2. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY)
सड़क हादसे में मृत्यु या विकलांगता होने पर सरकार द्वारा बीमा सहायता दी जाती है।
स्थिति | सहायता राशि |
---|---|
दुर्घटना में मृत्यु | ₹2 लाख |
पूर्ण विकलांगता | ₹2 लाख |
आंशिक विकलांगता | ₹1 लाख |
इस योजना के लिए वार्षिक प्रीमियम मात्र ₹20 है और यह 18 से 70 वर्ष की आयु के लोगों के लिए उपलब्ध है।
📊 चिंताजनक आंकड़े:
2023 में देश में 4.80 लाख सड़क हादसे हुए।1.72 लाख लोगों की जान चली गई।
📝 कैसे मिलेगा कैशलेस इलाज — पूरी प्रक्रिया
🔴 1. दुर्घटना के बाद तुरंत अस्पताल पहुंचें
घायलों को किसी भी नजदीकी सरकारी या नामित निजी अस्पताल में ले जाया जा सकता हैअगर आप एम्बुलेंस बुलाना चाहते हैं तो 108 एम्बुलेंस सेवा का उपयोग करें।
🏥 2. अस्पताल द्वारा इलाज शुरू करना
अस्पताल को सरकार के पोर्टल पर घायल की जानकारी 60 मिनट के अंदर अपलोड करनी होती है। मरीज के पहचान पत्र (अगर हो), दुर्घटना की जगह और समय की जानकारी मांगी जाएगी।
यदि मरीज की पहचान न हो, तब भी इलाज शुरू किया जाएगा।
अस्पताल NHA (National Health Authority) की वेबसाइट या पोर्टल पर घायल का पंजीकरण करता है।पंजीकरण होते ही ₹1.5 लाख तक कैशलेस इलाज की सुविधा शुरू हो जाती है। मरीज या उसके परिजन को कोई भुगतान नहीं करना होता।
📄 4. दस्तावेज़ जो जरूरी हो सकते हैं (यदि उपलब्ध हों):
दस्तावेज़ का नाम | जरूरत क्यों |
---|---|
पहचान पत्र (Aadhaar/PAN/Driving License) | मरीज की पहचान के लिए |
एफआईआर या पुलिस इंटिमेशन | दुर्घटना का प्रमाण (अस्पताल खुद भी पुलिस को सूचित कर सकता है) |
दुर्घटना की जानकारी (स्थान, समय, वाहन आदि) | योजना के सत्यापन हेतु |
👮♂️ 5. पुलिस या ट्रैफिक डिपार्टमेंट को सूचित करना
अस्पताल यह कार्य करेगा, लेकिन यदि आप स्वयं सूचित करें तो बेहतर रहेगा।
दुर्घटना के वीडियो, फोटो, वाहन नंबर जैसे साक्ष्य मददगार हो सकते हैं।
🧾 योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी:
विवरण | जानकारी |
---|---|
योजना का नाम | रोड एक्सीडेंट विक्टिम्स के लिए कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम 2025 |
लागू तिथि | 5 मई 2025 |
खर्च सीमा | ₹1,50,000 या 7 दिन तक का इलाज, जो पहले हो |
लागू क्षेत्र | पूरे भारत में, हिमाचल सहित |
जिम्मेदार संस्था | National Health Authority (NHA) |
हेल्पलाइन | 14555 (NHA), 108 (एम्बुलेंस), राज्य हेल्पलाइन नंबर |
🖥️ अधिक जानकारी या शिकायत कहां करें?
NHA वेबसाइट: https://nha.gov.in
हेल्पलाइन: 14555 (राष्ट्रीय हेल्पलाइन)
राज्य स्वास्थ्य मिशन (Himachal Pradesh): http://nrhmhp.gov.in
0 Comments